QuickDayNews

2017 के बाद बंद हुए 26000 स्कूल! अब देश बनेगा विश्वगुरु?

📉 2017 के बाद बंद हुए 26000 स्कूल! अब देश बनेगा विश्वगुरु?

Source: Lok Sabha Data | Youth & Education

2017 के बाद भारत में लगभग 26000 सरकारी स्कूल बंद हो चुके हैं। खुद केंद्र सरकार ने लोकसभा में यह स्वीकार किया है। ऐसे में सवाल उठता है — क्या यह वही “शिक्षा का अधिकार” है, जिसकी बात सरकारें चुनाव में करती हैं?

👨‍👩‍👧‍👦 शिक्षा ही देश की रीढ़ होती है, और जब स्कूल बंद हो रहे हैं, तो “विश्वगुरु” बनने का दावा केवल एक जुमला बनकर रह जाता है।


📊 आंकड़े क्या कहते हैं?

पिछले 7 वर्षों में स्कूलों की संख्या में भारी गिरावट:

वर्षभारत में कुल स्कूलउत्तर प्रदेश में कुल स्कूल
2017-1810,94,5431,63,114
2018-1910,83,7471,63,142
2019-2010,32,5701,37,638
2020-2110,32,0491,37,068
2021-2210,22,3861,37,024
2022-2310,16,0101,37,003
2023-2410,17,6601,37,102

👉 साफ है कि केंद्र की BJP सरकार के कार्यकाल में ही स्कूलों की संख्या में सबसे ज्यादा गिरावट हुई है। उत्तर प्रदेश, जो भाजपा का सबसे बड़ा गढ़ माना जाता है, वहीं लगभग 26,000 स्कूल गायब हो गए।


🧾 बीजेपी सरकार पर सवाल

“हर बच्चा पढ़ेगा, तभी देश बढ़ेगा” — यह वादा तो था, लेकिन अब स्थिति इसके उलट दिख रही है।


📣 सोशल मीडिया पर बढ़ रही नाराजगी

लोगों ने फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म पर सवाल उठाए हैं:

“क्या अनपढ़ जनता से विश्वगुरु बनेगा?”

“राशन बाटने की स्कीम तो है, पर शिक्षा क्यों नहीं?”

“स्कूल बंद करके बच्चों को बेरोजगारी की ओर धकेला जा रहा है।”


🚨 अब समय है जवाब मांगने का

अगर देश को सच में विश्वगुरु बनाना है, तो शिक्षा को प्राथमिकता देना ज़रूरी है। सरकार को इस पर जवाब देना होगा:


📌 निष्कर्ष

BJP सरकार को यह समझना होगा कि “रोज़गार और शिक्षा” केवल नारे नहीं, देश का भविष्य हैं।

अगर इसी तरह सरकारी स्कूल बंद होते रहे, तो गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों का भविष्य अंधेरे में चला जाएगा। स्कूलों को फिर से खोलने और मजबूत करने की ज़रूरत है, ना कि बंद करने की।


🗣️ आपके विचार?

क्या आप भी मानते हैं कि बीजेपी सरकार को शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए? नीचे कमेंट में अपनी राय दें।


Tags:
#BJPGovernment #EducationCrisis #SchoolShutdown #IndiaEducation #WorldGuruReality #ModiSarkar #RashanPolitics #UPNews #DeshKaSawal

Exit mobile version